Manoj Bhawuk is a Bhojpuri Poet, Script writer, Anchor, Actor and Film Critic. http://www.manojbhawuk.com/
Friday, May 31, 2013
Monday, May 27, 2013
मनोज भावुक का एकल कहानी पाठ
कथाकार मनोज भावुक को बहुत कम लोग जानते हैं क्योंकिं उनकी लोकप्रियता एक कवि एवं फिल्म समीक्षक के रूप में हीं ज्यादा मुखर रही है . गत दिनों मैथिली - भोजपुरी अकादमी, दिल्ली द्वारा त्रिवेणी कला संगम, मंडी हाउस , नई दिल्ली में आयोजित तीन दिवसीय '' साहित्यिक पर्व '' में मनोज का कथाकार रूप प्रकट हुआ जब वह एकल कथा पाठ के अंतर्गत अपनी प्रेम कहानियों का अभिनेयता के साथ पाठ कर रहे थे . 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद के ध्वस्त होने पर कैसे दो प्रेमी बिछुड़ते हैं और फिर किन विषम परिस्थितियों में उनका मिलन होता है , इसका बहुत हीं मार्मिक चित्रण मनोज ने अपनी प्रेम कहानी '' कहानी के प्लाट '' में किया है . भउजी के गाँव , तेल नेहिया के , लड़ेले त अंखिया बथेला करेजवा काहे और तहरे से घर बसाइब मनोज की अन्य प्रेम कहानियां हैं जो नब्बे के दशक में भोजपुरी साहित्य जगत
में चर्चा के केंद्र में थीं और मनोज भावुक एक युवा कहानीकार के रूप में स्थापित हो चुके थे . ''तहरे से घर बसाइब'' कहानी पर तो पटना दूरदर्शन द्वारा 1999 में भोजपुरी सीरियल भी टेलीकास्ट किया था , जिसमें पटकथा , संवाद व गीत मनोज ने हीं लिखा था . बाद में मनोज का रूझान गीत - ग़ज़ल व कविताओं की ओर हुआ और वह एक कवि के रूप में लोकप्रिय है
मनोज भावुक का एकल कहानी पाठ |
मनोज भावुक का एकल कहानी पाठ |
मैथिली - भोजपुरी अकादमी, दिल्ली द्वारा आयोजित तीन दिवसीय '' साहित्यिक पर्व '' में मनोज भावुक का एकल कहानी पाठ |
Sunday, May 26, 2013
भोजपुरी ग़ज़लों का एल्बम '' तस्वीर ज़िन्दगी के " जारी
जहां भोजपुरी में अश्लील गीतों
के कैसेटों की भरमार है वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं
जिन्होंने भोजपुरी ग़ज़लों का एल्बम जारी कर एक नया इतिहास रचने की कोशिश
की है . इन खूबसूरत ग़ज़लों के रचनाकार हैं भोजपुरी के सुप्रसिद्ध ग़ज़लकार
मनोज भावुक. इन ग़ज़लों को अपने स्वर से संवारा है हिंदी और क्षेत्रीय
फिल्मों के स्थापित संगीतकार -गायक सरोज सुमन ने और यह कांसेप्ट है
समाजसेवी मनोज सिंह राजपूत का . टी-सीरीज द्वारा जारी ग़ज़लों के इस
गुलदस्ते में कुल आठ भोजपुरी ग़ज़लें शामिल हैं जिनमें जिंदगी के तमाम शेड्स
हैं। इसीलिए इस भोजपुरी ग़ज़ल अल्बम का नाम रखा गया है - तस्वीर ज़िंदगी के .
विदित
हो कि '' तस्वीर ज़िन्दगी के " भोजपुरी का बहुचर्चित और लोकप्रिय
ग़ज़ल-संग्रह है जिसके लिए इसके लेखक मनोज भावुक को ठुमरी साम्राज्ञी गिरिजा
देवी और सिने जगत के नामी फ़िल्मकार और गीतकार
गुलज़ार द्वारा वर्ष 2006 के भारतीय भाषा परिषद सम्मान से नवाज़ा जा चुका
है . एक भोजपुरी पुस्तक को पहली बार यह सम्मान दिया गया। यह ग़ज़ल-संग्रह
इतना लोकप्रिय हुआ की इसका दूसरा संस्करण वर्ष 2010 में हिन्दयुग्म
द्वारा प्रकशित किया गया।
इस
एल्बम को
सुनने के बाद ऐसा लगता है कि यह सिर्फ गीत- संगीत नहीं है . यह शब्द और
संगीत के माध्यम से तमाशाई संस्कृति के खिलाफ एक मुहीम है . इस अल्बम
से भोजपुरी संगीत को एक नयी दिशा मिलेगी .
Wednesday, May 01, 2013
Radio Dwarka exclusively interviewed Mr.Bhawuk
VEDIO LINK -
http://www.radiodwarka.com/page-3/manoj-bhawuk-a-bhojpuri-poet/790
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