जहां भोजपुरी में अश्लील गीतों
के कैसेटों की भरमार है वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं
जिन्होंने भोजपुरी ग़ज़लों का एल्बम जारी कर एक नया इतिहास रचने की कोशिश
की है . इन खूबसूरत ग़ज़लों के रचनाकार हैं भोजपुरी के सुप्रसिद्ध ग़ज़लकार
मनोज भावुक. इन ग़ज़लों को अपने स्वर से संवारा है हिंदी और क्षेत्रीय
फिल्मों के स्थापित संगीतकार -गायक सरोज सुमन ने और यह कांसेप्ट है
समाजसेवी मनोज सिंह राजपूत का . टी-सीरीज द्वारा जारी ग़ज़लों के इस
गुलदस्ते में कुल आठ भोजपुरी ग़ज़लें शामिल हैं जिनमें जिंदगी के तमाम शेड्स
हैं। इसीलिए इस भोजपुरी ग़ज़ल अल्बम का नाम रखा गया है - तस्वीर ज़िंदगी के .
विदित
हो कि '' तस्वीर ज़िन्दगी के " भोजपुरी का बहुचर्चित और लोकप्रिय
ग़ज़ल-संग्रह है जिसके लिए इसके लेखक मनोज भावुक को ठुमरी साम्राज्ञी गिरिजा
देवी और सिने जगत के नामी फ़िल्मकार और गीतकार
गुलज़ार द्वारा वर्ष 2006 के भारतीय भाषा परिषद सम्मान से नवाज़ा जा चुका
है . एक भोजपुरी पुस्तक को पहली बार यह सम्मान दिया गया। यह ग़ज़ल-संग्रह
इतना लोकप्रिय हुआ की इसका दूसरा संस्करण वर्ष 2010 में हिन्दयुग्म
द्वारा प्रकशित किया गया।
इस
एल्बम को
सुनने के बाद ऐसा लगता है कि यह सिर्फ गीत- संगीत नहीं है . यह शब्द और
संगीत के माध्यम से तमाशाई संस्कृति के खिलाफ एक मुहीम है . इस अल्बम
से भोजपुरी संगीत को एक नयी दिशा मिलेगी .
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