Sunday, January 26, 2014

Ganatantra Diwas Kavita Utsav 2014


Manoj Bhawuk in Ganatantra Diwas Kavita Utsav 2014






Manoj Bhawuk in Ganatantra Diwas Kavita Utsav 2014

Manoj Bhawuk in Ganatantra Diwas Kavita Utsav 2014


Manoj Bhawuk in Ganatantra Diwas Kavita Utsav 2014



हर माह होना चाहिए कवि सम्मेलन : राखी बिड़ला


जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
मैथिली भोजपुरी अकादमी ने रविवार को श्रीराम कला केंद्र में कवि सम्मेलन

का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में समाज कल्याण महिला एवं बाल विकास मंत्री राखी बिड़ला ने कहा कि मैथिली और भोजपुरी दोनो ही मीठी भाषाएं हैं। कोई भी वहां के निवासियों के चरित्र और व्यक्तित्व को इंगित करती है।
दिल्ली में 40 फीसद लोग मैथिली और भोजपुरी इलाकों से हैं। विभिन्न राज्य से आए लोग ही इसे एक संास्कृतिक नगरी बनाने में सहयोग देते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे कवि सम्मेलन हर माह आयोजित होने चाहिए।
मैथिली भोजपुरी अकादमी के उपाध्यक्ष अजीत दुबे ने कहा कि 2008 से यह अकादमी निरंतर राजधानी में भोजपुरी और मैथिली भाषा-भाषियों को जोड़ने का काम कर रही है। कार्यक्रम के संचालक कवि रवीन्द्र श्रीवास्तव जुगानी ने भोजपुरी की उत्पत्ति और उसकी ऐतिहासिकता पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध कवि गिरीश गुंजन ने की। वहीं सुभद्रा वीरेन ने कविता सुना दर्शकों की वाहवाही लूटी। जबकि कार्यक्रम में बुद्धिनाथ झा, मनोज भावुक सहित कई लोगों ने कविता का पाठ किया।
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भोजपुरी व मैथिली ने लोक परंपरा की ओर खींचा ध्यान

नई दिल्ली (एसएनबी)। सर्द रात में भोजपुरी और मैथिल कवि सम्मेलन ने दिल्लीवासियों का ध्यान लोकपरंपरा और गांव की ओर खींचा। कविता में माटी की खुश्बू और लोक संस्कृति की जीवंतता ने महानगरीय जीवन से कुछ देर के लिए अलग कर दिया। मैथिल के मशहूर कवि गंगेश गुंजन और भोजपुरी कवि कुबेर नाथ मिश्र विचित्र की विचित्र गवंई बातें सुनकर लोगों ने खूब आनंद लिया। कवि मनोज भावुक ने भावनाओं के रस में लोगों को डूबो दिया। रविवार को गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में भोजपुरी-मैथिल अकादमी की ओर से यहां कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए महिला बाल विकास मंत्री राखी बिड़ला ने कहा कि दुनियाभर में भोजपुरी और मैथिली भाषा की पहचान कायम हो चुकी है। क्षेत्रीय भाषाओं के विकास और संवर्धन के लिए दिल्ली सरकार तत्पर है। सभी अकादमियों की ओर से रचनात्मक प्रयास और गंभीर पहल किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि संस्कृति और संस्कार की पहचान भाषा से होती है। भोजपुरी और मैथिली भाषा के लोगों ने दुनियाभर में मुकाम हासिल किया है। भाषाओं के संवर्धन और विकास के लिए गंभीर प्रयास करने की जरूरत है। इस मौके पर अकादमी के उपाध्यक्ष अजीत दुबे ने राखी बिरला और कवियों का स्वागत किया। मैथिली कवि गंगेश गुंजन, कुमकुम झा, अविनाश झा और रविन्द्र लाल दास के अलावा भोजपुरी कवि रविन्द्र नाथ श्रीवास्तव जुगानी भाई, कुबेरनाथ मिश्र, हरेराम द्विवेदी, मनोज भावुक, देवकांत मिश्र, मुन्ना पाठक, गोरख प्रसाद मस्ताना समेत लगभग दो दर्जन कवियों ने अपनी रचनाएं पेश कर देर रात तक श्रोताओं को भावविभोर किया। अपनी बोली और माटी की सोंधी महक के साथ दिल्ली के श्रोताओं ने कवि सम्मेलन का खूब आनंद लिया। राखी बिड़ला ने किया कवि सम्मेलन का उद्घाटन

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Manoj Bhawuk with Rakhi Birla

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